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आहट क़दम hindikavita बस खुशियां ही खुशिया sswc ना डर न कोई चिंता रोने की मंज़िल कोई वो क्या दिन थे किसी मंज़िल की तरफ़ कोई क़दम उठ न सका अपने ही पाँव की ज़ंजीर थे जाने वाले अपने मेरा बचपन चिंता सिंहासन की दिल नायाब है। यादें बचपन की दिल की बातें दिल ही जाने ज़ात नहीं

Hindi किसी मंज़िल की तरफ़ कोई क़दम उठ न सका अपने ही पाँव की ज़ंजीर थे जाने वाले Poems